2025 में UPI (Unified Payments Interface) AutoPay और Recurring Payment System में कई बड़े बदलाव लागू हो चुके हैं, जिससे डिजिटल पेमेंट का अनुभव और भी सुरक्षित, आसान और ट्रांसपेरेंट हो गया है। NPCI (National Payments Corporation of India) ने इन बदलावों के जरिए न सिर्फ यूजर्स की सुरक्षा बढ़ाई है, बल्कि फ्रॉड रोकने, ट्रांजैक्शन प्रोसेस को तेज़ और विश्वसनीय बनाने के लिए भी कई नए नियम लागू किए हैं।

इस गाइड में हम जानेंगे:
- UPI AutoPay और Recurring Payment System क्या है?
- 2025 में लागू हुए नए नियम और बदलाव
- इन बदलावों से यूजर्स, मर्चेंट्स और बैंकों पर क्या असर पड़ेगा?
- UPI AutoPay के फायदे, चुनौतियां और भविष्य
UPI AutoPay और Recurring Payment System क्या है?
UPI AutoPay एक ऐसी सुविधा है, जिसमें आप अपने मोबाइल ऐप (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm आदि) के जरिए बार-बार होने वाले पेमेंट्स (जैसे OTT सब्सक्रिप्शन, EMI, इंश्योरेंस प्रीमियम, बिजली बिल आदि) के लिए e-Mandate सेट कर सकते हैं। यानी एक बार अनुमति देने के बाद, हर महीने या तय समय पर पेमेंट अपने-आप हो जाता है।

Recurring Payment System का मतलब है ऐसे पेमेंट्स जो किसी तय अंतराल (महीना, तिमाही, सालाना) पर ऑटोमैटिकली कटते हैं। पहले यह सुविधा मुख्य रूप से क्रेडिट/डेबिट कार्ड या ECS के जरिए उपलब्ध थी, लेकिन अब UPI AutoPay के चलते यह बेहद आसान और सुरक्षित हो गई है।
2025 के नए बदलाव – क्या-क्या हुआ अपडेट?
1. UPI IDs और मोबाइल नंबर से जुड़े नए नियम
- डिसेबल होंगे इनएक्टिव मोबाइल नंबर: अब अगर आपका मोबाइल नंबर 90 दिन से ज्यादा इनएक्टिव रहा, तो उससे लिंक UPI ID ऑटोमेटिकली डिएक्टिवेट हो जाएगी।
- बैंकों और PSPs की जिम्मेदारी: सभी बैंक, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर (जैसे GPay, PhonePe) को हर हफ्ते मोबाइल नंबर रिकॉर्ड अपडेट करने होंगे, ताकि गलत ट्रांजैक्शन या फ्रॉड रोका जा सके।
- यूजर की स्पष्ट सहमति जरूरी: UPI नंबर के लिए यूजर की एक्सप्लिसिट कंसेंट (सहमति) जरूरी होगी। यह कंसेंट ट्रांजैक्शन के दौरान या उससे पहले नहीं ली जा सकती, जिससे यूजर की प्राइवेसी और डेटा की सुरक्षा बनी रहे।
2. UPI AutoPay और Recurring Payments में बूम
- UPI AutoPay का जबरदस्त ग्रोथ: जनवरी 2025 में UPI AutoPay ट्रांजैक्शन 175 मिलियन तक पहुंच गए, जो पिछले साल के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है।
- Recurring Payment में UPI की हिस्सेदारी: अब 53% से ज्यादा रीक्यरिंग पेमेंट्स UPI के जरिए हो रहे हैं, जबकि कार्ड्स की हिस्सेदारी घटकर 31% रह गई है।
- मंडेट क्रिएशन में रिकॉर्ड: जनवरी 2025 में 35 मिलियन नए UPI AutoPay mandates बने, जो पिछले साल से दोगुने हैं।
- सुपर-इजी सेटअप: यूजर सिर्फ एक बार PIN डालकर AutoPay mandate एक्टिवेट कर सकता है और कभी भी उसे कैंसिल कर सकता है।

3. ट्रांजैक्शन लिमिट और चार्जबैक प्रोसेस में बदलाव
- UPI 123Pay लिमिट डबल: फीचर फोन यूजर्स के लिए UPI 123Pay की ट्रांजैक्शन लिमिट 5,000 से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दी गई है।
- ऑटो चार्जबैक प्रोसेस: फरवरी 2025 से चार्जबैक (गलत या फेल ट्रांजैक्शन की वापसी) का प्रोसेस ऑटोमैटिक हो गया है, जिससे बैंक और यूजर्स दोनों के लिए रीकंसिलिएशन आसान हो गया है।
4. फ्रॉड रोकने और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने के लिए नए कदम
- QR कोड पेमेंट को बढ़ावा: फ्रॉड रोकने के लिए कुछ फीचर्स हटाए गए हैं और QR कोड पेमेंट को प्रमोट किया जा रहा है।
- मंथली रिपोर्टिंग: अगर NPCI की सिस्टम में डिले हो, तो PSPs को लोकली UPI नंबर रिजॉल्व करने की अनुमति है, लेकिन इसकी रिपोर्टिंग हर महीने करनी होगी।
UPI AutoPay और Recurring Payment System – यूजर्स के लिए फायदे

- सुपर-कन्वीनिएंस: एक बार सेटअप के बाद हर महीने पेमेंट की टेंशन खत्म।
- फुल कंट्रोल: आप कभी भी mandate को कैंसिल या मॉडिफाई कर सकते हैं।
- सिक्योरिटी: हर ट्रांजैक्शन के लिए UPI PIN और एक्सप्लिसिट कंसेंट जरूरी।
- ट्रांसपेरेंसी: सभी mandates एक ही ऐप में ट्रैक और मैनेज कर सकते हैं।
- इंस्टेंट अपडेट: ट्रांजैक्शन स्टेटस और चार्जबैक तुरंत मिल जाता है।
मर्चेंट्स और बैंकों के लिए बदलाव
- ऑटोमैटिक पेमेंट कलेक्शन: मर्चेंट्स के लिए पेमेंट कलेक्शन प्रोसेस आसान और तेज़।
- कम फ्रॉड रिस्क: नए नियमों से फ्रॉड के मामले कम होंगे।
- बेहतर यूजर एक्सपीरियंस: ट्रांजैक्शन फेल्योर, चार्जबैक और कस्टमर सपोर्ट में सुधार।
UPI AutoPay के चुनौतियां और समाधान
चुनौतियां:
- इनएक्टिव मोबाइल नंबर से ट्रांजैक्शन फेल्योर
- फ्रॉड की आशंका (फिशिंग, फेक ऐप्स)
- यूजर एजुकेशन की कमी

समाधान:
- मोबाइल नंबर हमेशा अपडेट रखें
- केवल ऑफिशियल UPI ऐप्स का इस्तेमाल करें
- किसी भी लिंक या कॉल पर अपनी पर्सनल डिटेल न दें
- समय-समय पर mandates और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री चेक करें
UPI AutoPay और Recurring Payment System का भविष्य
- डिजिटल इंडिया का मजबूत आधार: UPI AutoPay के बढ़ते इस्तेमाल से डिजिटल पेमेंट्स का इकोसिस्टम और मजबूत होगा।
- इंटरनेशनल एक्सपेंशन: कई देशों में UPI लॉन्च की तैयारी, जिससे इंटरनेशनल सब्सक्रिप्शन और पेमेंट भी आसान होंगे।
- AI और ऑटोमेशन: भविष्य में AI बेस्ड फ्रॉड डिटेक्शन, स्मार्ट रिकमेंडेशन और कस्टमाइज्ड फाइनेंशियल सर्विसेज का इंटीग्रेशन।

निष्कर्ष
2025 में UPI AutoPay और Recurring Payment System के नए बदलावों ने डिजिटल पेमेंट्स को और भी सुरक्षित, आसान और पारदर्शी बना दिया है। अब यूजर्स को न सिर्फ पेमेंट्स की सुविधा मिल रही है, बल्कि उनका डेटा और पैसा भी ज्यादा सुरक्षित है। अगर आप भी डिजिटल पेमेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, तो इन नए नियमों को जरूर फॉलो करें और अपने मोबाइल नंबर व UPI ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें।
FAQs
Q1. क्या UPI AutoPay सभी UPI ऐप्स में उपलब्ध है?
हाँ, लगभग सभी प्रमुख UPI ऐप्स (PhonePe, GPay, Paytm, BHIM आदि) में UPI AutoPay फीचर उपलब्ध है।
Q2. अगर मेरा मोबाइल नंबर बदल जाए तो क्या होगा?
अगर आपका मोबाइल नंबर 90 दिन से इनएक्टिव है या बदल गया है, तो उससे लिंक UPI ID डिएक्टिवेट हो जाएगी। ऐसे में बैंक में नया नंबर जरूर अपडेट करवाएं।
Q3. क्या मैं कभी भी AutoPay mandate कैंसिल कर सकता हूँ?
हाँ, आप कभी भी mandate को ऐप के जरिए कैंसिल या मॉडिफाई कर सकते हैं।
Q4. क्या UPI AutoPay सुरक्षित है?
बिल्कुल, हर ट्रांजैक्शन के लिए UPI PIN और आपकी एक्सप्लिसिट सहमति जरूरी है, जिससे सिक्योरिटी बनी रहती है।
एक्शन
आज ही अपने UPI ऐप को अपडेट करें, मोबाइल नंबर वेरीफाई करें और डिजिटल पेमेंट्स की नई दुनिया का हिस्सा बनें!
UPI AutoPay और Recurring Payment System के नए बदलावों के साथ, डिजिटल इंडिया के सपने को और मजबूती मिल रही है। सुरक्षित, स्मार्ट और आसान पेमेंट्स के लिए तैयार हो जाइए!